दरभंगा के डीएमसीएच में डेंगू के तीन नए मरीजों की भर्ती हुई है। इनमें से एक मुंबई से आए दिनेश साह हैं, जिन्हें यहां डेंगू मच्छरों द्वारा काटने के बाद बुखार आने लगा था। दूसरे मरीज चम्पा देवी हैं, जो समस्तीपुर जिले की 50 साल की महिला हैं। तीसरे मरीज रामाशीष मुखिया हैं, जो मधुबनी जिले के हैं। दरभंगा जिले में अबतक डेंगू के कुल मरीजों की संख्या इस वर्ष 25 हो गयी है। डिस्ट्रिक्ट म्युनिसिपल कमिशनर महेश वेर्मा ने हर वार्ड में रोज डेंगू के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा है। रोजगार मेले में भी डेंगू के बारे में जागरूकता बूथ लगाए जाएंगे। डेंगू के मच्छर नियंत्रण के लिए जल्द ही भ्रमण संचालन शुरू किया जाएगा। जनरल अस्पताल, सदर अस्पताल और नन्हे हाथ अस्पताल में डेंगू के लिए विशेष क्लिनिक भी स्थापित की जाएगी। लोगों को अगर डेंगू के लक्षण मिलें, तो वे तुरंत सबसे पास के चिकित्सालय में जाना चाहिए।
दरभंगा के डीएमसीएच को अब डेंगू का साम्राज्य ग्रस्त करने लगा है। जहां अबतक तीन नए मरीजों की भर्ती हुई है। डेंगू के जोखिम में एक के बाद एक लोग महसूस कर रहे हैं इसलिए यह खबर सुरखियों में है। मुंबई से आए दिनेश साह जैसे लोग भी डेंगू के शिकार हो रहे हैं। एक समस्तीपुर जिले की 50 साल की महिला, चम्पा देवी भी डेंगू के खतरे में जी रही हैं। इसके अलावा मधुबनी जिले के रामाशीष मुखिया भी डेंगू मरीजों के दरबार में शामिल हो गए हैं।
इस वर्ष दरभंगा जिले में अबतक 25 से ज्यादा मरीज डेंगू के शिकार हो चुके हैं। इसके कारण जिले के डिस्ट्रिक्ट म्युनिसिपल कमिशनर महेश वेर्मा को मजबूरन डेंगू मच्छर नियंत्रण कार्यक्रम चलाने का निर्णय लेना पड़ा है। वेर्मा ने सभी वार्डों में डेंगू के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम चलाने के आदेश दिए हैं। वेर्मा ने अपने शब्दों में कहा, “डेंगू के खतरे से सभी जागरूक हैं और अब हमें पर्याप्त एवं सुरक्षित तरीके से इससे निपटने की जरूरत है।”
डेंगू के खतरे को देखते हुए रोजगार मेले में भी जागरूकता बूथ लगाए जाएंगे। जहां लोग कार्यों की तलाश में मेले क्षेत्र में आएंगे, वहीं डेंगू के बारे में जागरूकता दिए जाएंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोग डेंगू के बारे में जानें और सुरक्षित रहें।
इसके अलावा जल्द ही डेंगू के मच्छर नियंत्रण के लिए भ्रमण संचालन शुरू किया जाएगा। अबतक बढ़ रहे मरीजों की संख्या मच्छरों के इलाज की बढ़ती मांग को तुच्छ नहीं जाना जा सकता है। इसलिए अधिक मच्छरों को नष्ट करने के लिए कड़ी मौजूदगी की जरूरत है।
तक्रबन एक महीने बाद आने वाले इस मौसम में डेंगू के मरीजों की जान को बचाने के लिए डेंगू के विशेष क्लिनिक स्थापित की जाएगी। जिले के जनरल अस्पताल, सदर अस्पताल और नन्हे हाथ अस्पताल में अलग-अलग खास क्लिनिक स्थापित की जाएगी ताकि पेशेवर डॉक्टर डेंगू के मरीजों का संबद्ध इलाज कर सकें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डेंगू के खतरे में आने वाले लोगों को जल्द सही और पेशेवर इलाज मिले।
डेंगू के लक्षणों के मिलने पर लोगों को तुरंत सबसे पास के चिकित्सालय में जाना चाहिए। खासकर बुखार, थकान, छींके, सर दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द आने पर डेंगू की संभावना होती है। इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए और अगर किसी को ये लक्षण मिलें तो तुरंत चिकित्सालय में जाना चाहिए ताकि सही इलाज मिले और परेशानी काफी हद तक कम हो सके।
डरपोक मच्छर नियंत्रण के लिए सरकारी अथोरिटीज द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है अपार संवेदनशीलता। इसके बावजूद डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अब सरकारी अथोरिटीज ने इस मुश्किल से निपटने के लिए अपनी संख्या पर नजर मारी है और सुरक्षा के उद्देश्य से डेंगू के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्णय लिए हैं। डेंगू के विरुद्ध जहां सामरिकता दिखा रही है, वहीं आम जनता को भी जागरूक बनाने का काम तेज
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