गाजा में इस्राइली बमबारी से अब तक 10 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इस हमले में सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे हैं, जिनके लिए हमलों का खतरा अब तक बना हुआ है। इस संघर्ष ने बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव जमाया है।
गत कुछ दिनों से, गाजा में हो रही इस्राइली बमबारी ने बेवस्ता हकीकत बना दी है। हर दिन नई खबरें सुनते हैं कि कितने और लोग इस बर्बरता का शिकार बन गए हैं। इस हमले से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए लोग, विशेष रूप से बच्चे हैं। उनके लिए इस दिनदहाड़े हमले का खतरा खड़ा हो चुका है।
इस संघर्ष ने बच्चों के जीवन पर बहुत हानिकारक प्रभाव डाला है। बच्चे स्कूल में अपना भविष्य बनाने की उम्मीद रखते हैं, लेकिन उनकी चींटों पर बरसती इस्राइली बमबारी ने उनकी आशाओं को धूमिल कर दिया है। वे अपने पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं और माता-पिता की चिंता बढ़ती जा रही है।
बाल्यकाल हमारे जीवन का सबसे प्रमुख और समर्पितात्मक पाठ होता है। बच्चों को शांति, स्वस्थ्य और संतुलित दिमाग देने का एक महत्त्वपूर्ण संघर्ष है और हमें इसे बचाना वांछित करना चाहिए। बच्चों के जीवन को इतनी जोखिमों का सामना करने के लिए छोड़ देना समान नहीं हो सकता है।
इस्राइल और फिलिस्तीन में स्थिति ढीला साउथ करके मस्तिष्क कोशिकाओं की हैं, जहां हर दिन लोगों की मौत होती है। ये मानवता की हालात को नष्ट कर देगा और हमेशा के लिए बदल देगा। इस संघर्ष की दरिद्रता ने बाल-विवाह, बच्चों के शोषण और बच्चों के मृत्युदंड की समस्याओं को बढ़ा दिया है। अब हमें आगे बढ़कर इस मुद्दे का समाधान ढूंढ़ना होगा और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए उठे हुए कदम उठाने होंगे।
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